Posts

Showing posts from February 2, 2020

पत्थर का जवाब फूल से दें

"पत्थर का जवाब पत्थर से दिया तो क्या महान काम किया! "  मैंने यह पढ़ा था एक जगह कि इंसान वैसा ही बन जाता है जैसा उस के आस पास का वातावरण होता है। हमारे विचार इसबात पर काफी निर्भर करते हैं कि हमें प्रभावित करने वाले लोग कौन है। जीवन में सर्वाधिक विकास बचपन में होता है और उस समय अधिकतर लोग अपने माता-पिता के साथ, अपने सगे संबंधियों के साथ ही होते हैं अर्थात् हम वैसे ही बन जाते हैं जैसे हमारे आसपास के लोग होते हैं। हमारा अंदरुनी विकास उसी दिशा में होता है जहां हमारे सवालों को अक्सर मोड़ दिया जाता है इन करीबी लोगों द्वारा या जो भी घटित होता है हमारे समक्ष। हर इंसान अपने अनुभवों के अनुसार अपनी एक दुनिया बनाता है, उसके उसूल बनाता है।  जब हम बहुत आहत होते हैं, नाराज़ होते हैं,पीड़ित होते हैं, किसी बात से या किसी इंसान के व्यवहार से हमारा हृदय अंदर तक दुखा होता है,हमें बार-बार असफलता का मुंह देखना पड़ा होता है , उस समय हमारा दिल और दिमाग दोनों ही बहुत नाज़ुक स्थिति में होते हैं जिन्हें कोई भी आकार,कोई भी दिशा बहुत ही आसानी से दी जा सकती है। अगर कोई गुस्सा है,आहत है और वह ऐसे इंसान के स