ढूंढ रहें है भरोसा प्रेम के सागर में
जाने क्यों लोग अपनी ही बात से मुकरते हैं, जाने क्यों लोग झूठ बोलते हैं , जाने क्यों लोग आने का बोलकर नहीं आते हैं, जाने क्यों लोग आश्वासन देकर पीछे हट जाते हैं, जाने क्यों लोग अपनी सच्चाई का हवाला देकर एक झूठ और बोल जाते हैं, जाने क्यों, जाने क्यों, जाने क्यों ? जाने क्यों लोग अपनो से पराया सा बर्ताव कर जाते हैं, जाने क्यों खुद को ईमानदार कहकर एक और गद्दारी कर जाते हैं, जाने क्यों लोग प्यार के बदले बस एक खट्टी सी याद छोड़ जाते हैं? जाने क्यों, जाने क्यों, जाने क्यों ? जाने क्यों लोग काम नहीं है, खाने के लिए नहीं है, बच्चे भूखे हैं, कहते थकते नहीं, जब उन्हें कोई काम भाता नहीं? जाने क्यों कामचोरी करते हैं? जब करने के लिए काम मिलते हैं, जब पेट भरने के लिए पैसे मिलते हैं, तो क्यों खाली पेट सोते हैं? जाने क्यों , जाने क्यों, जाने क्यों ? हां, माना कि हम भी कोई तीस्मरखान नहीं। गलतियां ऐसा नहीं कि हम करते नहीं। पर ध्यान भी ऐसा नहीं कि हम रखते नहीं। सर्दी में गरम कपड़े हो या हो 3 टाइम का खाना, और टीवी दिखाना, कसर हमने भी कहीं कोई छोड़ी नहीं। बदतमीजी से बात तुमसे हमने कभी करी नहीं, तनख्वा किसी