क्या पता कल हो ना हो..
कभी भी किसी भी क्षण कब क्या मिल जाएगा या कब क्या छिन जाएगा कोई नहीं जानता,
बस कोई अगर इस सत्य को जानता है तो वो बस समय है..
आज सुबह हस्ते खेलते जिन चेहरों को छोड़ हम आए थे,
और नहीं कही थी उनसे वो बात जो न जाने कबसे हमारे मन में थी,
नहीं दिया था उन्हें वो आलिंगन जिसका इंतज़ार शायद उन्हें और हमे दोनों को कबसे था,
सिर्फ़ इसी भरोसे की ये तो हैं ही हमारे जीवन का हिस्सा,
आज नहीं तो कल ही सही,
कह देंगे अपने दिल की बात..
आज शायद गाड़ी छूटने के डर से,
या मीटिंग में कही लेट न होजाए ऐसा सोचके,
न रुकिए..
क्योंकि कल जब गाड़ी स्टेशन पर पहुंचे,
या मीटिंग की सफलता सुनाने आए,
तो क्या पता वो सुनने वाले कान,
वो गले लगने वाला इंसान
या आप खुद..
रहें न रहें!
क्योंकि समय तो अपनी ही गति से चलता है,.
जिसे बहा ले जाने का उसका मन उसे ले जाता है
और जिसे नहीं, उसे छोड़ जाता है..
इसपे किसीका कोई बस नहीं..
यदि किसीपर हमारा बस है तो वो केवल 'आज' पर!
इसलिए आज अपने दिल की सुनिए,
और कह दीजिए
जिससे भी करते हैं प्यार..
या जिसे भी कर रहे हैं याद..
लगा लीजिए गले,
मांग लीजिए माफी,
कह दीजिए अपने दिल की बात जो इतने समय तक मन में दबा रखी है,
क्या पता कल हो ना हो..
कल वो सुनने के लिए हो
या आप सुनाने के लिए..
दोनों के ही बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल है...
देदीजिए पुकार,
करलीजिए इकरार,
लग जाइये गले,
आज अपने बढ़ते कदमों को न रोकिए
भुला दीजिए सारे गिले शिकवे,
अगर दिल से आयी है आवाज़,
तो आज न कीजिये उसे नज़रअंदाज़..
क्या पता कल हो ना हो..
कल वो सुनने के लिए हो
या आप सुनाने के लिए..
दोनों के ही बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल है इसलिए...
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